दुर्गा मां के इस मंदिर में शेर भी दर्ज कराते हैं अपनी हाजिरी

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में कोटद्वार शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर दुगड्डा में दुर्गा मां की एक गुफा हैं। जो लोगों की अटूट आस्था का केन्द्र है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मां की उपासना करने पर श्रद्धालुओं की हर मनो कामना पूरी होती है। यह गुफा 12 फीट लंबी है। जहां मंदिर में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। गुफा के ठीक ऊपर से राष्ट्रीय राजमार्ग- 534 हैं। शारदीय नवरात्र में मां के इस दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता हैं। लोगों द्वारा बताया जाता है की कई बार मंदिर में शेर आकर शांत भाव से लौट जाते हैं और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। इससे लोगों में मंदिर के प्रति श्रद्धा बढ़ जाती है।

मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि प्राचीन समय में मंदिर बहुत छोटे आकार का हुआ करता था। उन दिनों कोटद्वार दुगड्डा लेंसडौन सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। दिन भर मजदूर इस सड़क पर काम करते और सड़क को बनाते थे. लेकिन रात होने पर यह सड़क टूट जाती थी. कई दिनों तक यह सिलसिला जारी रहा, लेकिन सड़क नहीं बन पाई. मान्यताओं के अनुसार एक दिन ठेकेदार को मां ने सपने में दर्शन देकर मंदिर की स्थापना कराने की बात कही। लेकिन ठेकेदार कोई खान था तो उसने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा और सपने को नजरंदाज कर दिया। लेकिन जब उसके काफी समय बाद भी सड़क निर्माण में रुकावट आई तो ठेकेदार द्वारा भव्य मंदिर की स्थापना की गई। जिसके बाद सड़क निर्माण का कार्य भी तीव्र गति से संपन्न हो गया। इसलिए मंदिर के बारे में कहा जाता है की एकमात्र मंदिर में मां के दर्शन करने से सारे रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं।