डाट काली मंदिर देहरादून के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। जो कि सहारनपुर देहरादून हाईवे रोड पर स्थित है,जो की देहरादून से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर माँ काली को समर्पित है इसलिए इस मंदिर को काली का मंदिर भी कहा जाता है साथ ही काली माता को भगवान शिव की पत्नी “देवी सती” का अंश माना जाता है क्या आप जानते है माँ डाट काली मंदिर को “मनोकामना सिध्पीठ” व “काली मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है।
इस मंदिर का निर्माण 13 वीं शताब्दी में 13 जून 1804 में किया गया था। कहा जाता है की जब अंग्रेजो के दौरान देहरादून से सहारनपुर के लिए हाईवे निर्माण कराया जा रहा था. तब डाट काली मंदिर के पास ही एक सुरंग का निर्माण शुरू हुआ लेकिन काफी लंबे वक्त तक सुरंग में बार-बार पहाड़ से मलबा आने से सुरंग ब्लॉक हो जाती थी. बताया जाता है कि जो इंजीनियर इस सुरंग का निर्माण कर रहा था वह भारतीय ही था और उसके सपने में मां डाट काली आई और उन्होंने कहा कि जहां पर सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है वहीं पर मेरी मूर्ति है और इस मूर्ति की स्थापना सड़क के पास की जाए तो सुरंग में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी. उसी भारतीय इंजीनियर ने मां डाट काली की मूर्ति महंत सुखबीर गुसैन को दी थी और उसके बाद मंदिर का निर्माण हुआ और फिर सड़क और सुरंग का निर्माण सकुशल संपन्न हो पाया। कहा जाता है कि लगभग 100 साल से मंदिर के अन्दर एक दिव्या ज्योत 24 घन्टे जलती रहती है। मान्यता है कि किसी भी मंगलवार से 11 दिन तक विश्वास पूर्वक किया गया डाट चालीसा पाठ बड़े-बड़े कष्ट हर लेता है।
