क्या है चीन का AI चैटबॉट DeepSeek, जो नहीं दे रहा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के बारे में जानकारी

इन दिनों एक शब्द है जो लगभग हर व्यक्ति की जुबान से सुनने को मिल रहा है और वो है DeepSeek। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में चीन के इस नए स्टार्टअप डीपसीक की पूरे दुनिया में चर्चा हो रही है। ये एक ऐसा एआई चैटबॉट है, जो हाल ही में बड़ी तेजी से पॉपुलर हो रहा है….इसे ChatGPT को टक्कर देने के लिए बनाया गया है। दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा ये एप भारत में विवादों में घिर गया है। जब चिन के इस एप से भारत के अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर के बारे में पूछा गया तो उसने जवाब देने से इनकार कर दिया। ऐसे में इस वीडियो चलिए विस्तार से जानते है कि आखिर ये डिपसीक है क्या और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के बारे में ये क्यों चुपी साधे बैठा है?

DeepSeek एक चीनी एआई चैटबॉट है। जिसे 2023 में लियांग वेनफेंग ने लॉन्च किया है। डीपसीक के लार्च लैंग्वेज मॉडल वी3 और आर1 है….चैटबाट के जरिए ये लोगों को सर्विसिस देते हैं। DeepSeek-V2 को दिसंबर 2024 में और DeepSeek-R1 को 10 जनवरी 2025 को लॉन्च किया था। खास बात यह है कि DeepSeek-R1 को बनाने और ट्रेनिंग देने में सिर्फ 60 लाख डॉलर यानी की लगभग 52 करोड़ रुपये का खर्च आया, जबकि OpenAI, Microsoft, Meta और Google जैसी कंपनियों ने अपने AI मॉडल तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं। कम लागत में बेहतर प्रदर्शन के कारण DeepSeek-R1 चर्चा में है और इसे AI इंडस्ट्री का एक गेम-चेंजर माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि चीन का ये डीपसीक अमेरिकी कंपनियों OpenAI के ChatGPT, Google Gemini, Claude और माइक्रोसाफ्त के कोपायलट से बेहतर है। सिर्फ इतना ही नहीं ये ऐप लॉन्च होते ही सबसे ज्यादा डाउनलोड की जाने वाली ऐप बन गई और एआई के क्षेत्र में तूफान मचा दिया।

आप सोच रहे होंगे कि ये DeepSeek इतना खास क्यों हो गया? कारण ये है कि इसने बहुत कम बजट में एक बेहतरीन एआई मॉडल तैयार किया है। जो कि अमेरिकन कंपनियों के अरबों में खर्च हो रहे से काफी सस्ता है। साथ ही DeepSeek पूरी तरह से फ्री है। एआई चैटबॉट के वायरल होने के बाद DeepSeek का असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला। इसके कारण अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। Alphabet, Amazon, Apple, Meta जैसी कंपनियों के मार्केट शेयर पर गहरा असर पड़ा। एक रिपोर्ट के मुताबिक 27 जनवरी को दुनिया के 500 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में 108 अरब डॉलर की गिरावट आई। अब बात करते हैं भारत में DeepSEEK एप की, जिसने आते ही विवाद खड़ा कर दिया।दरअसल जब भारतीय यूजर्स ने DeepSeek से कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे मुद्दों पर सवाल पूछा तो इसका जवाब था कि Lets talk about something else…. मतलब चलिए, कुछ और बात करते हैं।

दरअसल चीन पहले से ही अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर पर अपने दावे करता रहा है और चूकी DeepSeek एक चीनी ऐप है तो कहा जा रहा है कि वो इसलिए नार्थ ईस्ट राज्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं देता है। कई लोग चीन द्वारा एआई के गलत इस्तेमाल की तरफ इशारा करने की बात भी कह रहे है। इसके अलावा DeepSeek पर डेटा सुरक्षा का एक बड़ा सवाल भी खड़ा होता है। इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को अपनी व्यक्तिगत जानकारी देनी पड़ती है, जैसे ईमेल और मोबाइल नंबर। इससे डेटा चोरी का खतरा हो सकता है।