उत्तरकाशी में सरकारी कर्मचारी बने ‘ड्राइवर’, प्राइवेट गाड़ियों से ढो रहे सवारी, टैक्सी यूनियन भड़की

उत्तरकाशी जिले में प्राइवेट नंबरों की गाड़ियों से सवारी ढोने का नया मामला सामने आया है, जिससे टैक्सी यूनियन से जुड़े ड्राइवरों और पदाधिकारियों में भारी आक्रोश है। टैक्सी चालकों का आरोप है कि कुछ सरकारी कर्मचारी अपनी निजी गाड़ियों में अवैध रूप से सवारियां ढो रहे हैं, जिससे उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है।

डॉक्टर, बाबू और अफसर बन बैठे ड्राइवर!

बीते कुछ दिनों से टैक्सी स्टैंड पर सवारियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। इस पर यूनियन ने खुद ही जांच अभियान छेड़ दिया। चेकिंग के दौरान जो नज़ारा सामने आया, उसने सबको चौंका दिया। चेकिंग के दौरान एक प्राइवेट गाड़ी में स्टेथोस्कोप (Stethoscope) लटका मिला। यूनियन का दावा है कि गाड़ी स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी की थी, जो खुद सवारी ढोता पाया गया। वहीं, एक अन्य गाड़ी न्याय विभाग और तीसरी गाड़ी सिंचाई विभाग से जुड़े कर्मचारियों की पाई गई।

टैक्सी चालकों में आक्रोश

इस खुलासे के बाद टैक्सी चालकों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने सिटी चौराहे पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन का कहना है कि अगर जल्द प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई, तो मजबूरन उन्हें बड़े स्तर पर आंदोलन करना पड़ेगा। टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जब सरकारी कर्मचारी ही नियम तोड़ेंगे, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्राइवेट गाड़ियों से व्यावसायिक परिवहन पर रोक लगे और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो।