यात्रियों की सुरक्षा पर फोकस, चारधाम मार्ग पर रात में नहीं चलेंगे कमर्शियल वाहन, पढ़ें नए नियम

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं और इस बार यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन बेहद सख्त नजर आ रहा है। यात्रा मार्गों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अव्यवस्था से बचाव के लिए 13 या उससे अधिक यात्रियों की क्षमता वाले सभी व्यावसायिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।

ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू

परिवहन विभाग ने शुक्रवार से ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और शुरुआती तौर पर अब तक 15 वाहनों के आवेदन आ चुके हैं। खास बात यह है कि दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को केवल 15 दिनों के लिए ही ग्रीन कार्ड जारी किया जाएगा, जबकि उत्तराखंड के वाहनों के लिए यह पूरे यात्रा सीजन तक मान्य रहेगा।

पर्वतीय मार्गों पर दक्ष चालक होंगे तैनात

ऋषिकेश के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रीन कार्ड उन्हीं वाहनों को मिलेगा, जिनका फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण सर्टिफिकेट आदि पूरे होंगे और तकनीकी जांच पास होगी। इसके साथ ही पर्वतीय मार्गों की चुनौती को देखते हुए हर चालक को पहाड़ों में ड्राइविंग की विशेष दक्षता साबित करनी होगी।

हिल एंडोर्समेंट भी हुआ अनिवार्य

दूसरे राज्यों से आने वाले चालकों के लिए एक और बड़ा नियम लागू कर दिया गया है — हिल एंडोर्समेंट। अब ऐसे चालकों को पहले ऑनलाइन टेस्ट देना होगा, जिसके बाद उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से पर्वतीय मार्गों की ड्राइविंग की परीक्षा देनी होगी। सफल होने पर ही उनके ड्राइविंग लाइसेंस में ‘हिल एंडोर्समेंट’ दर्ज किया जाएगा।

दुर्घटना से बचाव के लिए ये नियम भी जरूरी

रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक कमर्शियल वाहनों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

चालकों को जूते या ट्रेकिंग शूज पहनकर ही वाहन चलाने होंगे।

हर वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य किया गया है।

वाहन के पीछे त्रिकोणीय रेडियम बोर्ड लगाना जरूरी होगा।

वाहन केवल निर्धारित सुरक्षित पार्किंग स्थलों पर ही खड़े किए जा सकेंगे।