1950 से मूल निवास और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर ऋषिकेश में आयोजित विशाल महारैली में हजारों लोगों की भीड़ जुटी। ‘मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर आयोजित इस रैली में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग शामिल हुए।
मूल निवास और भू-कानून की मांग पर हुई विशाल महारैली
आंदोलन के संयोजक मोहित डिमरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य आज भी अपनी पहचान के संकट से जूझ रहा है। उन्होंने मूल निवासियों को उनके अधिकार न मिलने और रोजगार के अवसरों की कमी के बारे में चिंता जताई। डिमरी ने कहा कि अगर मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू नहीं की गई, तो उत्तराखंड का भविष्य असुरक्षित रहेगा।
प्रदेशभर में किया जाएगा आंदोलन को मजबूत
उन्होंने यह भी बताया कि रैली के बाद ‘स्वाभिमान यात्रा’ की योजना बनाई जाएगी, जिसके तहत प्रदेशभर में आंदोलन को मजबूत किया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और मांगों को घर-घर तक पहुंचाना होगा। डिमरी ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और सभी निवासियों को उनके हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
ये है प्रमुख मांगें
1. मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 की घोषणा।
2. मजबूत भू-कानून लागू किया जाए।
3. शहरी क्षेत्रों में भूमि खरीदने की सीमा निर्धारित की जाए।
4. कृषि भूमि के खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध।
5. भूमि का सार्वजनिक ब्यौरा जारी किया जाए।
