गंगोत्री नेशनल हाईवे चौड़ीकरण को लेकर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक राहत भरी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है। लंबे समय से पर्यावरणप्रेमियों और स्थानीय नागरिकों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध और रक्षा-सूत्र अभियान का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। परियोजना के तहत अब देवदार के हजारों पेड़ों पर कुल्हाड़ी नहीं चलेगी।
पहले गंगोत्री नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर प्रस्तावित थी, जिसके लिए 6,822 पेड़ों के कटान की अनुमति ली गई थी। हालांकि, पर्यावरणीय चिंताओं और जनभावनाओं को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और सीमा सड़क संगठन (BRO) ने परियोजना के मानकों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। सड़क की चौड़ाई को 12 मीटर से घटाकर 11 मीटर कर दिया गया है।
इस निर्णय के परिणामस्वरूप अब केवल 1,413 पेड़ ही काटे जाएंगे, जबकि 5,400 से अधिक देवदार और अन्य पेड़ों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। पर्यावरणविदों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण के दौरान एक मीटर की कटौती भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इससे न केवल वन क्षेत्र को नुकसान कम होता है, बल्कि भूस्खलन, मिट्टी धंसने और आपदाओं के जोखिम में भी उल्लेखनीय कमी आती है।
स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस सफलता का श्रेय रक्षा-सूत्र अभियान को दिया है, जिसके तहत पेड़ों पर रक्षा-सूत्र बांधकर उन्हें बचाने का प्रतीकात्मक और भावनात्मक संदेश दिया गया। इस अभियान ने न केवल प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन संभव है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भविष्य की सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनेगा। यह घटना दर्शाती है कि जन-आंदोलन और संवाद के माध्यम से बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स में भी पर्यावरण-अनुकूल बदलाव किए जा सकते हैं।
गंगोत्री हाईवे चौड़ीकरण पर लिया गया यह फैसला न सिर्फ देवदार के जंगलों के लिए राहत है, बल्कि हिमालय की नाजुक पारिस्थितिकी और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।

new year’s eve tours We felt safe and well taken care of throughout. https://www.dewanconsultants.com/?p=7332
Pixbet4, fala galera! Pra apostar naquele jogo do Brasileirão, essa plataforma é show. Depósito por Pix, odds competitivas… o que mais a gente precisa? Cola lá: pixbet4