चुनावी दौर चल रहा है और देश में जब भी लोकसभा के चुनाव होते हैं तब काफी सीटें ऐसी होती हैं जिनकी चर्चा खूब कि जाती है। ऐसी ही एक सीट है मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट जो इमरजेंसी के बाद काफी चर्चा में रही क्योंकि जब देश की हर सीट में कांग्रेस का राज था तब इस सीट पर बड़ौदा डाइनामाइट कांड जैसे कांड में गिरफ्तार हुए एक शख्स ने सिर्फ एक हथकड़ी वाले पोस्टर के जरिए कांग्रेस को करारी हार दी थी।
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट बिहार में आती है. इस सीट पर पहली बार साल 1957 में लोकसभा चुनाव लड़ा गया तब इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के श्याम नंदन सहाय ने 88,998 मतों से जीत हासिल की। इसके बाद साल 1962 से 1971 तक ये लोकसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में ही रही।
जॉर्ज ने रचा था बड़ौदा डायनामाइट केस
अब साल 1976 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव होने वाले थे लेकिन इससे पहले ही साल 1975 में देश में इमेर्जेंसी लगा दी गई इसकी सूचना इंदिरा गांधी के कट्टर विरोधी जॉर्ज फर्नांडिस को भी मिली। रेडियो पर ये खबर मिलते ही जॉर्ज ने आपातकाल लगाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मकसद से एक साजिश रची, जिसमें उन्होंने डायनामाइट के जरिए विस्फोट और विध्वंस करने का फैसला किया ये विस्फोट मेनली खाली सरकारी भवनों में, पुलों, रेलवे लाइन समेत इंदिरा गांधी की सभाओं के करीब होने थे।
आपातकाल पर लिखी कूमी कपूर की एक किताब के मुताबिक डायनामाइट के इस्तेमाल की ट्रेनिंग बड़ौदा में ही कुछ लोगों को दी गई इस बड़ौदा डायनामाइट केस का मकसद अव्यवस्था फलाना और केंद्र की सरकार को उखाड़ फेंकना था पर बड़ौदा पुलिस ने शहर के रावपुरा इलाके में एक छापे के दौरान विस्फोटक बरामद कर लिए जिसके बाद जून 1976 में जॉर्ज फर्नांडिस समेत अन्य 22 लोगों को गिरफ्तार कर तिहाड जेल भेज दिया गया।
हथकड़ी वाले पोस्टर ने ऐसे दिलाई जीत
अब इंदिरा गांधी ने चुनावों की घोषणा करते के साथ ही देश में इमरजेंसी भी खत्म हो गई अब दिल्ली में जॉर्ज फर्नांडिस को चुनाव लड़ाने का फैसला लिया गया। जार्ज की सहमति मिलते ही सच्चिदानंद उनके चुनाव प्रचार करने की रणनीति बनाने लगे। अब इसके लिए एक पोस्टर बनाना था, काफी सोच विचार के बाद उन्होंने कागज पर एक तस्वीर बनाई जिसमें एक व्यक्ति के हाथ में जंजीर थी और नीचे लिखा गया था।
इस जंजीर को तोड़ने के लिए जॉर्ज को जिताएं अब इस व्यक्ति की जगह जॉर्ज की तस्वीर लगाई गई और मात्र 28 रुपये के ऑर्डर से एक पोस्टर बनाया गया रातों रात ज़र्ज के हथकड़ी लगी तस्वीर वाला ये पोस्टर चौक-चौराहों पर लगा दिया गया इस पोस्टर कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले मुजफ्फरपुर में ऐसा असर डाला कि जॉर्ज ने रिकॉर्ड मतों से दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय नारायण सिंह को आसानी से पटखनी दे दी इसी के साथ जॉर्ज 5 बार मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे।
5 बार जीते जॉर्ज फर्नांडिस
साल 1977 में जॉर्ज फर्नांडिस को 396,687 वोट मिले
साल 1980 में 195,510
साल 1989 में 492,615
में 16 महीनों के अंदर केंद्र की सरकार गीर गई और देश में एक बार फिर चुनाव कराए गए
साल 1991 में 320,833
साल 2004 में 370,127
जॉर्ज फर्नांडिस नहीं संभाल पाए कार्यभार
जॉर्ज फर्नांडिस ने अपने राजनीतिक जीवन में कुल तीन मंत्रालयों का कार्यभार संभाला उद्योग, रेल और रक्षा मंत्रालय पर वो इनमें से किसी में भी बहुत सफल नहीं हो पाए जॉर्ज का रक्षामंत्री के रुप में कार्यकाल खासा विवादित रहा। ताबूत घोटाले और तहलका खुलासे से उनके संबंध के मामले में जॉर्ज को अदालत से तो क्लीन चिट मिल गया लेकिन लोगों के जहन से ये बात उसके बाद भी नहीं गई की जॉर्ज के रक्षामंत्री रहते हुए ऐसा हुआ था। उनके कार्यकाल के दौरान हालात इतने खराब हो गए थे कि मिग-29 विमानों को लोग फ्लाइंग कॉफिन तक कहने लगे थे।
