भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की राजनीतिक प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए उत्तराखण्ड के 6 निष्क्रिय पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ये सभी दल बीते छह वर्षों से न केवल चुनावी प्रक्रिया से दूर रहे हैं, बल्कि इनके कार्यालयों का कोई भौतिक अस्तित्व भी सामने नहीं आया है।
21 जुलाई तक जवाब देना अनिवार्य
निर्वाचन आयोग ने इन दलों को 21 जुलाई शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने का अंतिम मौका दिया है। यदि निर्धारित समयावधि तक जवाब प्राप्त नहीं होता है तो इन दलों की पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
42 में से 6 दलों की हुई पहचान
उत्तराखण्ड में फिलहाल 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (RUPP) हैं। इनमें से कई दल, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। आयोग द्वारा की गई छानबीन के बाद छह दलों की पहचान की गई है, जो लंबे समय से न तो सक्रिय हैं और न ही किसी चुनाव में नजर आए हैं।
इन 6 दलों को भेजा नोटिस
- जनक्रांति पार्टी – 12/17 चक्खुवाला, देहरादून
- हमारी जनमंच पार्टी – 1/12 न्यू चक्खुवाला, देहरादून
- मैदानी क्रांति दल – मस्जिद वाली गली, माजरा, देहरादून
- प्रजा मंडल पार्टी – बर्थवाल निवास, शीतला माता मंदिर मार्ग, लोअर भक्तियाना, श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल
- राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी – 62, सिविल लाइन, रुड़की, हरिद्वार
- राष्ट्रीय जन सहाय दल – 112, न्यू कनॉट प्लेस, देहरादून
