जब पहाड़ी महिलाओं को देख कर चौंक गई इंदिरा, जानें पूरा किस्सा

यूं तो चुनावी दौर में कई राजनेता गांव शहर के कोने कोने जाकर अपना अपना प्रचार करते हैं पर क्या हो अगर कोई राजनेता एक राज्य में चुनाव प्रचार करने जाए और वहां के लोगों को देखकर हैरान परेशान हो उठे कुछ ऐसा ही हुआ था इंदिरा गांधी के साथ जब वो एक बार अपना चुनाव प्रचार करने तत्कालीन उत्तरप्रदेश और आज के उत्तराखंड पहुंची थी ।

साल 1980 के विधान सभा चुनाव चल रहे थे कांग्रेस आम चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद विधानसभा चुनाव के प्रचार में लगी थी इसी दौरान इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर कांग्रेस इंदिरा भी रख लिया था और उस वक्त कांग्रेस का चुनावी नारा था काम करने वाली सरकार को चुनिए।

कई बार पहाड़ आ चुकी थी इंदिरा

अब लोकसभा में जीत के बाद कांग्रेस के पास यही मौका था की वो डबल इंजन की सरकार बना ले इसके लिए इंदिरा ने उत्तराखंड में कई जनसभाएं की हालांकि ये पहली बार नहीं था जब इंदिरा उत्तराखंड आई थी इससे पहले भी कई बार इंदिरा देवभूमी में कदम रख चुकी थी । आपको बता दें की अपनी बीमार मां की चिकित्सा के लिए इंदिरा का 13 साल की उम्र से ही मसूरी आना जाना लगा रहता था उन्हें पहाड़ों से खासा लगाव था और पहाड़ों के डेवलपमेंट के लिए उन्होंने शुरू से ही काफी प्रयास भी करें उन्होंने अल्मोड़ा से ही पहाड़ी राज्यों के विकास का खाका खींचा जिसके बाद पर्वतीय विकास मंत्रालय अस्तित्व में आया इसके अलावा मसूरी में हाथी पांव के इलाके की माइनिंग को बंद कराने के लिए इंदिरा ने व्यक्तिगत तौर पर कई कोशिशें भी की

पहाड़ी महिलाओं को देखकर चौंकी इंदिरा

1980 का दौर था सारा देश विधानसभा के चुनावी रंग में रंगा हुआ था उस समय इंदिरा उत्तराखंड के बागेश्वर इलाके में कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल राम दास के समर्थन में सभा करने पहुंची उस समय किसी बड़े नेता का ऐसे इंटीरियर इलाकों में आना काफी रेयर था क्योंकि देवभूमी में कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां आज 72 साल के चुनावी इतिहास में कोई नेता वोट मांगने तक नहीं पहुंचा है तो आप सोच सकते हैं उस वक्त देवभूमी के दूर दराज वाले इलाकों के क्या हाल हुआ करते होंगे । जब इंदिरा अपनी जनसभा करने बागेश्वर पहुंची तो वहां भारी संख्या में महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान में सज धज कर उन्हें देखने पहुंच गई जैसे ही इंदिरा मंच पर चढ़ी तो पहाड़ी महिलाओं को सोने के गहनों में लदी देखकर इंदिरा की आंखें चौंधिया गई वो पहाड़ों की इन महिलाओं को देखकर इंदिरा की आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि अब तक इंदिरा ये सुनती और देखती आई थी की पहाड़ों में अत्यंत गरीबी है लोग खेती कर अपना जीवन गुजर बसर करते हैं लेकिन इन महिलाओं को देखकर इंदिरा को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ उन्होंने चौंक कर मंच पे बैठे नेताओं से पूछा – पहाड़ में इतनी गरीबी है तो फिर ये पहाड़ी महिलाएं सोने के इतने गहने कैसे पहनकर आई ।

इंदिरा के पास ही मंच पर हरीश रावत बैठे थे जिन्होंने इंदिरा को बताया की पहाड़ों में गरीबी तो बहुत है लेकिन पहाड़ों का ये रिवाज भी है की जब कोई शुभ काम होता है तब पहाड़ी महिलाएं सज धज कर आभूषण पहनती हैं इतना सुनते ही इंदिरा फूले नहीं समाई की उनके भाषण के लिए महिलाओं में कितना उत्साह है इसके बाद अपने भाषण में इंदिरा ने वहां पहुंची महिलाओं का आभार जताया और उनका अभिवादन स्वीकार किया ।