उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है। दोनों ही दलों ने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है, जिसमें स्थानीय नेताओं को ही चुनाव प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन सूची को देख एक बार फिर कांग्रेसी नेताओं की धड़कन बढ़ गई है। क्योंकि सूची में पहला नाम उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का है जिसका उत्तराखंड कांग्रेस लम्बे समय से इंतजार कर रही है।
उत्तराखंड कांग्रेस को प्रभारी का इंतजार
केदारनाथ उप चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय चेहरों को मैदान में उतारना उचित समझा है। इसलिए प्रदेश प्रभारी के साथ साथ मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है। लेकिन कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि प्रदेश प्रभारी जो उत्तराखंड से दूरी बनाए हुए हैं उसको भी स्टार प्रचारक की सूची में सबसे ऊपर रखा गया है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी कर रहे अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित
लोकसभा चुनाव हो या फिर पिछले उपचुनाव प्रभारी सिर्फ नाम मात्र या मुंह दिखाई के लिए उत्तराखंड आई है। जबकि भाजपा के प्रदेश प्रभारी केदारनाथ तक पहुंच चुके हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे है। इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी का कहना है कि कांग्रेस के लिए इस उपचुनाव में जो उपयोगी चेहरे हैं और जनता जिस पर भरोसा करती है उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है
भाजपा ने कसा तंज
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को लेकर जितने सवाल कांग्रेस के कार्यकर्ता उठा रहे हैं उससे कहीं ज्यादा सवाल बीजेपी खड़े कर रही है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का उत्तराखंड ना आना जहां कांग्रेस के लिए निराशाजनक है तो वहीं भाजपा तंज कस रही है।
अपने नेताओं को लेकर दोनों पार्टी कॉन्फिडेंट
स्टार प्रचारकों की सूची जारी होने के बाद भले ही भाजपा कांग्रेस दोनों ही अपने नेताओं को लेकर कॉन्फिडेंट नजर आ रही हो, लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का उत्तराखंड से यूं दूरी बनाना है पार्टी के मनबोल को जरुर कमजोर कर रहा है। ऐसे में देखना होगा कि क्या कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा इस बार केदारनाथ के उपचुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उत्तराखंड पहुंचती हैं या फिर उनका इंतजार यूं ही बरकरार रहेगा।
