International yoga day 2024 : योग हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है और इसके कितने फायदे हैं। ये तो शायद ही किसी को बताने की जरूरत पड़े। योग ध्यान करने के लिए हम अक्सर ऐसी जगह की तलाश करते हैं जो चहल पहल से दूर हो। ताकी हमारे ध्यान में कोई रुकावट ना आए। अगर आप भी किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं तो हम आपको ऋषिकेश के कुछ ऐसे ही खास स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप आराम से अपना ध्यान कर सकते हैं।
चौरासी कुटिया
अब बात जब अध्यात्म और योग की हो तो सबसे पहले जो नाम जेहन में आता है। वो है योग नगरी ऋषिकेश की चौरासी कुटिया का। बता दें इस कुटिया का निर्माण 1961 में महर्षि महेश योगी ने किया था। कहा जाता है महर्षि महेश योगी को अपनी ऋषिकेश यात्रा के दौरान गंगा किनारे की ये जगह इतनी पसंद आयी कि उन्होंने इस जगह पर एक आश्रम बनाया और इसका नाम रखा “International Academy of Meditation” और यहां उन्होंने अद्भुत वास्तुशैली वाली चौरासी छोटी-छोटी कुटिया और सौ से भी ज्यादा गुफाएं बनवाई और इस जगह को ध्यान-योग केंद्र के रूप में डेवलप किया जिस वजह से इस आश्रम का नाम पड़ा चौरासी कुटिया। बताते चले की 60 के दशक में प्रसिद्ध बीटल्स बैंड ब्रिटेन से यहां आध्यात्म की खोज में आया था। अगर आप प्रकृति की गोद में ध्यान लगाने की जगह खोज रहे हैं तो बीटल्स आश्रम आपके लिए सबसे बेस्ट जगह हो सकती है।
परमार्थ निकेतन
हमारी इस लिस्ट में दूसरा नाम है मां गंगा के तट पर स्थित परमार्थ निकेतन का। 1942 में स्वामी सुखदेवानंद महाराज द्वारा स्थापित परमार्थ निकेतन ऋषिकेश का सबसे बड़ा आश्रम है। यहां हर दिन सामूहिक पूजा, योग, ध्यान, सत्संग, सूर्यास्त के समय गंगा आरती होती है। ये आश्रम ना सिर्फ देश में बल्कि सारी दुनिया में योग और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। यहां हजारों साधक रोज योग और ध्यान करने आते हैं। इस आश्रम में 1000 से ज्यादा कमरे हैं। आश्रम में भगवान शिव की 14 फुट ऊंची प्रतिमा के साथ कल्पवृक्ष का एक पेड़ भी है कहते हैं इसे हिमालय वाहिनी के विजयपाल बघेल ने रोपा था। अगर आप हवन, गंगा आरती और ध्यान का आनंद एक ही जगह लेना चाहते हैं तो परमार्थ निकेतन से ज्यादा अच्छी जगह आपके लिए कोई नहीं है। बता दें राम झूला से परमार्थ निकेतन की दूरी 750 मीटर है तो आप आराम से पैदल चल कर यहां पहुंच सकते हैं।
निकेतन आश्रम
अब आपको हमारी इस लिस्ट के अगले आश्रम के बारे में बताते हैं। जिसका नाम है योग निकेतन आश्रम। 1964 में योगी परमहंस सस्वामी योगेश्वरानंद सरस्वती द्वारा स्थापित ये आश्रम योग और अध्यात्मिक की तलाश कर रहे लोगों के बीच काफी फेमस है। मां गंगा के तट पर स्थित इस आश्रम का मुख्य उद्देश्य योग और ध्यान को फैलाना है। यहां योग का प्रशिक्षण देने के साथ ही ध्यान के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। ये रामझूला से एक किमी की दूरी पर है आप आसानी से यहां पैदल पहुंच सकते हैं।
आत्म कुटीर आश्रम
अब आपको उस जगह के बारे में बताते हैं जहां अध्यात्म और प्रकृति का अनूठा संगम होता है। इस जगह का नाम है आत्म कुटीर आश्रम। जिसे राही बाबा ने स्थापित किया था। ये लक्ष्मणझूला से 9 किलोमीटर की दूरी पर घटु घाड़ में स्थित आत्म कुटीर आश्रम पहाड़ों से घिरा हुआ ये आश्रम अपने शांत वातावरण के लिए काफी फेमस है। यहां का शांत वातावरण इस जगह को योगा और आध्यात्म से जुड़े लोगों के बीच काफी पॉपूलर बना देता है।
