मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रक विभाग ने देशी घी और मक्खन में मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है। यह अभियान पूरे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चलाया जा रहा है, जिसमें मिठाई की दुकानों से सैंपल लिए जा रहे हैं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव और खाद्य आयुक्त, डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि मिलावटी घी और मक्खन बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे लड्डू और अन्य मिठाइयों के सैंपल लेकर जांच करें, साथ ही बाजार में बिकने वाले घी की भी जांच की जाए।
खाद्य विभाग के अपर आयुक्त, श्री ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य मिलावटी घी और मक्खन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है। सभी जनपदों में मिठाई और खाद्य उत्पाद बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की जा रही है, और जांच टीम ने कई कंपनियों के घी और मक्खन के सैंपल एकत्रित किए हैं।
अभियान का संचालन मंडल के उपायुक्त और जनपदीय अभिहित अधिकारियों के नेतृत्व में किया जा रहा है, जिसमें वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी और अन्य अधिकारी स्थानीय और विभिन्न ब्रांडों के घी एवं मक्खन के विधिक नमूनों का संग्रहण करेंगे।
गढ़वाल मंडल में डिप्टी कमिश्नर आर.एस. रावत के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चलाया गया, जिसमें देहरादून जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में देशी घी और मक्खन की जांच की गई। ग्रामीण इलाकों जैसे हरबर्टपुर, सहसपुर और सुद्वोवाला में भी सघन छापेमारी की गई और नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए।
कुमाऊं मंडल में भी खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने उपायुक्त श्री अनोज कुमार थपलियाल के नेतृत्व में हल्द्वानी क्षेत्र में मिलावटी घी की रोकथाम हेतु सघन निरीक्षण किया। टीम ने विभिन्न ब्रांडों के घी के चार नमूने एकत्रित किए, जिनमें पारस, पहलवान, मदर डेयरी और हेल्थ मेड शामिल हैं। साथ ही, नोवा ब्रांड के स्किम्ड मिल्क पाउडर का एक नमूना भी लिया गया है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार का अभियान खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
