केदारनाथ धाम में पुरोहितों ने किया अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान, यहां जानें वजह

केदारनाथ धाम के कापट खुलने जा रहे हैं और इसी दिन से चारधाम यात्रा भी शुरू हो रही है लेकिन हो सकता है इस बार तीर्थयात्रियों को बाबा केदार के दर्शन ना हो पाएं। केदारनाथ धाम के पुरोहितों ने 10 मई से अनिश्चित कालीन बंद का ऐलान कर दिया है।

चारधाम यात्रा का है खासा महत्व

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का एक खास महत्व है। कहा जाता है की जो कोई एक बार चार धाम यात्रा कर लेता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उस व्यक्ति को दोबारा कभी इस धरती पर जन्म नहीं लेना पड़ता। ये चारधाम उत्तराखंड में स्थित हैं – गंगोत्री यमुनोत्री, बद्री और केदार। बता दें की चारधाम यात्रा हर साल अप्रैल मई से शुरू होती है और अक्तूबर नवंबर की शुरूआत के साथ ही बंद हो जाती है। इस साल के चारों धामों के कपाट खुलने की तिथि का ऐलान हो गया है।

10 मई को खुलेंगे बाबा केदार के कपाट

बाबा केदार के कपाट खुलने की प्रक्रिया 6 मई से शुरू होने वाली है। 6 तारीख को बाबा केदार का पंचमुखी विग्रह गुप्तकाशी पहुंच जाएगा, 7 मई को रामपुर पहुंचने के बाद 8 तारीख को गौरीकुंड होते हुए बाबा केदार का ये पंचमुखी विग्रह 9 मई को केदारनाथ धाम में विराजमान हो जाएगा और 10 मई की सुबह 7 बजे पूरे विधि विधान से केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे।

कपाट खुलने के साथ होगा अनिश्चितकालीन बंद

लेकिन हो सकता है की इस साल श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन ना करने मिलें, क्योंकि केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने धाम के कपाट खुलने के दिन से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है।

बता दें की तीर्थ पुरोहित शासन-प्रशासन से नाराज हैं और उन्होंने केदारनाथ धाम में किए जा रहे निर्माण कार्य से स्थानीय भवनों को को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है की प्रशासन द्वारा हमें बिना बताए हमारे भवनों के आगे बड़े बड़े गड्डे बनाए जा रहे हैं और इन गड्ढों से हमारे भवनों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है की उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी ज्ञापन सौंपा है।

केदारसभा की बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने आरोप लगाते हुए कहा है की केदार धाम में आई आपदा के बाद से केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। इसके विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने 10 मई को से अनिश्चितकालीन बंद का एलान किया है और साथ ही 10 मई को केदारनाथ के सभी व्यापारीयों ने भी अपने होटल, लॉज, ढाबा, दुकानें और विश्राम गृह बंद रखने की घोषणा की है।