चमोली जिले के जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव का नए सिरे से सर्वे होगा।आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने इस संबंध में जिलाधिकारी को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि भूधंसाव का सर्वे कर यह भी पता लगाया जाए कि क्षेत्र में कितने परिवार इससे प्रभावित हैं। उनका पुनर्वास किया जाएगा। इस संबंध में 15 जनवरी को बैठक की जाएगी। जोशीमठ लंबे समय से भूधंसाव की जद में है। सैकड़ों घरों में दरार पड़ने की बात सामने आ रही है। कुछ माह पहले शासन के निर्देश पर गठित वैज्ञानिकों की टीम ने वहां का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपी थी। टीम ने समस्या के समाधान के लिए कई सुझाव भी दिए थे। इसी कड़ी में शासन ने सिंचाई विभाग को जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान और इसकी डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक, सीवर सिस्टम से जुड़े कार्यों को जल्द पूरा कराकर क्षेत्र के हर घर को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। डीपीआर के लिए 20 जनवरी को टेंडर निकाला जा रहा है। डीपीआर बनाते हुए जियो टेक्निकल अध्ययन भी कराया जाएगा।
जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की पिछले महीने हुई बैठक का कार्यवृत्त जारी किया गया है। इसके मुताबिक, शासन ने सोक पिट की रिपोर्ट मांगी है।जिसमे यह बताना होगा कि जोशीमठ के लिए कितने सोक पिट बनाए गए हैं, उनके कनेक्शन की वर्तमान स्थिति क्या है। समिति ने जोशीमठ में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा के उपाय करने को कहा है। अलकनंदा नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए है।
