आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में अवैध मदरसे और नमाज स्थल को ध्वस्त किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी। दंगाइयों ने बनभूलपुरा इलाके में पथराव और आगजानी शुरू कर दी। इस पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट समेत 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी, निगमकर्मी और पत्रकार घायल हो गए।
अतिक्रमण हटाने पर शुरू हुई पत्थरबाजी
दरअसल गुरुवार देर शाम नगर निगम और पुलिस की टीम बनभूलपुरा इलाके से अतिक्रमण ढहाने के लिए जेसीबी लेकर पहुंची थी। शुरु में इस कार्रवाई के विरोध में महिलाएं इकट्ठा होनी शुरु हुईं। उनकी तादाद भी कम थी। जैसे जैसे अतिक्रमण हटाने का काम बढ़ता गया। भीड़ और भीड़ की नाराजगी दोनों बढ़ती गई। देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे। बनभूलपुरा में घरों की छतों से पत्थर पेट्रोल बम और कांच पुलिस और अधिकारियों पर बरसने लगे।
बाहर निकलने वाले रास्ते को घेर कर बंद कर दिया गया। पत्थरों से बचने के लिए पुलिस ने शील्ड का सहारा लिया लेकिन भीड़ पूरी तरह से बेकाबू हो चुकी थी। थोड़ी ही देर में पूरा इलाका दहकने लगा।पुलिस प्रशासन बनभूलपुरा की गलियों की भूल भुलैया में फंस गया।हालांकि सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है की इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई।लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल
बताया जा रहा है कि इस हमले में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी, निगमकर्मी और पत्रकार भी घायल हो गए हैं।हमले के बाद एडिशनल पुलिस फोर्स मंगानी पड़ी तब कहीं जाकर जैसे तैसे लोग किसी तरह मुख्य सड़क पर पहुंचे। घायलों को बेस और एसटीएच अस्पताल ले जाया गया. हल्द्वानी हिंसा की सूचना मिलते ही सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने देर रात आपात बैठक बऔर देर रात 10 बजे हल्द्वानी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई. इसके अलावा कर्फ्यू लगाने के साथ ही दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए।
DM ने बताई सोची समझी साजिश
बनभूलपुरा में दंगे के बाद जिले में मिश्रित आबादी वाले इलाकों पर पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है. वहीं नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने दावा किया है कि ये हमला सोची समझी साजिश के तहत किया गया. जिलाधिकारी वंदना के मुताबिक पुलिस और प्रशासन की टीम पर तीन तरीके से हमला किया गया. सबसे पहले पत्थरबाजी की गई फिर पेट्रोल बम फेंके गए और इसके बाद थाना फूंक दिया गया. डीएम ने दावा किया है कि इस दंगे में दो लोगों की मौत हुई है. उधर हल्द्वानी में हालात बेकाबू होने के बाद अब मोर्चा पैरामिलिट्री फोर्स ने संभाल लिया है.हल्द्वानी में तनावपूर्ण शांति है. शहर में कर्फ्यू है.
विधायक ने ठहराया प्रशासन को जिम्मेदार
वहीं हल्द्वानी घटना के बाद हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदेश ने इस पूरी घटना के लिए प्रशासन के उतावले पन को जिम्मेदार ठहराया है. सुमित ह्द्येश की माने तो हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख दी थी लेकिन प्रशानिक अधिकारियों ने उससे पहले ही कार्रवाई शुरु कर दी.
फिलहाल हल्द्वानी में तनावपूर्ण शांति है. बनभूलपुरा और आसपास के इलाकों का सन्नाटा पुलिस की गाड़ियों के हूटरों और अधिकारियों के दौरे से ही टूट रहा है। इस बीच अब भी बड़ा सवाल यही है कि क्या इस घटना को रोका जा सकता था. क्या पुलिस ने अपना होमवर्क पूरा किया था. क्या यूसीसी बिल को लेकर जारी अलर्ट के बावजूद इतनी बड़ी वारदात लोकल इंटेलिजेंस की चूक नहीं है.
