कांवड़ यात्रा के दौरान इस साल उत्तराखंड उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सुरक्षा और आपदा नियंत्रण के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भीड़ पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक “नभ नेत्र ड्रोन” की तैनाती की जा रही है। यह ड्रोन भीड़भाड़ वाले इलाकों, गंगा घाटों, सड़कों और पुलों की रीयल-टाइम निगरानी करेगा। ड्रोन से प्राप्त विजुअल्स की निगरानी राज्य और ज़िला आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC/DEOC) से निरंतर की जाएगी, जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
कांवड़ यात्रा की तैयारी को लेकर बैठक
शनिवार को यूएसडीएमए कंट्रोल रूम में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने सभी संबंधित विभागों को व्यापक तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो किसी भी आपदा की स्थिति में समन्वित कार्रवाई के लिए उपयोगी साबित होगी। साथ ही सभी ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कांवड़ यात्रा की योजना को आईआरएस ढांचे के तहत ही तैयार करें।
सचेत एप पर दिया जोर
स्वरूप ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट अधिकारी नामित करने को कहा और उनकी सूची SEOC/DEOC के साथ साझा करने के निर्देश दिए। बैठक में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी ने “सचेत एप” की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह एप कांवड़ियों को बारिश और अन्य मौसम संबंधित चेतावनियां व अलर्ट भेजने में मदद करेगा। एंट्री प्वाइंट्स पर एप डाउनलोड कराने के लिए होर्डिंग्स और QR कोड लगाए जाएंगे। साथ ही, टोल फ्री नंबर 112, 1070, और 1077 को भी प्रचारित किया जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालु तत्काल सहायता मांग सकें।
हरिद्वार में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बैठक में सुरक्षा बलों ने जानकारी दी कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस के साथ-साथ 60 आपदा मित्र गंगा घाटों पर तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे। साथ ही, एनडीआरएफ की एक टीम हरिद्वार में तैनात रहेगी और जरूरत पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमें भेजी जाएंगी। यह पहली बार होगा जब तकनीक और मानवीय सहयोग का इतना व्यापक संयोजन कांवड़ यात्रा के दौरान देखने को मिलेगा — श्रद्धालुओं की सुरक्षा इस बार सर्वोच्च प्राथमिकता पर है।
