17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, 13 नवंबर से शुरू होगी पंच पूजाएं 

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष  17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने की इस विशेष प्रक्रिया के तहत 13 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू हो जाएंगी, जो अगले कुछ दिनों तक श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा भाव से की जाएंगी।

पंच पूजाओं का कार्यक्रम

13 नवंबर (बुधवार) : पहले दिन भगवान श्री गणेश की पूजा होगी। इसी दिन शाम को भगवान श्री गणेश के कपाट भी बंद किए जाएंगे।
14 नवंबर (बृहस्पतिवार) : इस दिन आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।
15 नवंबर (शुक्रवार) : खड्ग-पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जाएगा।
16 नवंबर (शनिवार) : इस दिनमां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग चढ़ाया जाएगा।
17 नवंबर (रविवार) : रात्रि 9:07 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

इसके बाद 18 नवंबर (सोमवार) को कुबेर एवं उद्धव के साथ रावल तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास के लिए पांडुकेश्वर  और नृसिंह मंदिर, जोशीमठ को प्रस्थान करेंगी। उद्धव और कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर में ही प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर (मंगलवार) को नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी, जहां शीतकालीन पूजाएं आयोजित की जाएंगी।

इस बीच, उत्तराखण्ड के अन्य चार धाम -केदारनाथ,यमुनोत्री, गंगोत्री के कपाट पहले ही नवंबर के पहले सप्ताह में शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। साथ ही, रुद्रनाथ और तुंगनाथ के कपाट भी बंद हो चुके हैं। मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को बंद किए जाएंगे।